आज हम आपको निवेश करने का एक नए तरीके के बारे में बताएंगे जिससे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं जी हाँ NBFC के तौर पर जो कंपनी रजिस्टर्ड होती है उन्हीं कंपनी के द्वारा पियर टू पियर (P2P) लेंडिंग सर्विस देती है और ये RBI की गाइडलाइन के मुताबिक काम करता है.
P2P लेंडिंग: आपको बता दें कि आप किसी भी वक्त को लोन देकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं जी हाँ जैसे अगर किसी व्यक्ति को लोन लेना होता है तो बैंक के पास जाता है लेकिन अब भी उस व्यक्ति को लोन दे सकते हैं और उससे आप अच्छा रिटर्न में कमा सकते हैं वे किसी तरह की कोई बेईमानी नहीं होती है ये एक फाइनेंशियल टूल का नाम है जिससे पियर टू पियर (P2P) लेंडिंग कहते हैं.

P2P लेंडिंग क्या है?
P2P लेंडिंग एक तरह का प्रोसेस होता है जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को लोन देता है और ब्याज सहित उससे अपने पैसे वापस लेता है इसमें वित्तीय संस्थानों का रोल सिर्फ एक फैसिलिटेटर के तौर पर होता है लेकिन अगर देखा जाए तो P2P लेंडिंग एक सेट स्ट्रक्चर है जो आरबीआई की गाइडलाइन के तहत काम करता है.
P2P लेंडिंग कैसे काम करती है?
इसमें पीयर टू पीयर तीन लोग जुड़े होते हैं-
पहला लोन देने वाला यानि की लेंडर
दूसरा लोन लेने वाला यानि की बॉरोअर और
तीसरा वो फिनटेक प्लेटफॉर्म जो इन दोनों का आपस में जोड़ता है.
जो व्यक्ति लेनदार है वो प्लेटफार्म पर खुद को रजिस्टर करता है उसके बाद फिट एक प्लैटफॉर्म द्वारा सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई किया जाता है जैसे उसका क्रेडिट स्कोर क्या है, इनकम डिटेल्स, आधार नंबर, पैन नंबर, क्रेडिट हिस्ट्री वगैरह सब कुछ. उसके बाद उसी प्लेटफॉर्म पर लोन देने वाला वक्त ही रजिस्टर करता है व्यक्ति जितना लोन लेना चाहता है वो एक एल्गोरिथम के मुताबिक सभी लेनदारों को दे दी जाती है मान लीजिए कोई लोन देने वाला व्यक्ति 1 लाख रूपये प्लेटफार्म के साथ इन्वेस्ट करता है आज इसलिए 1 लाख रूपये को छोटे छोटे हिस्सों में लोन लेने वाले व्यक्तियों को दे दिया जाता है ऐसा करने से रिस्क कम हो जाता है.
P2P लेंडिंग से फायदा क्या है?
बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कई सारी मुश्किलों की वजह से से लोन नहीं मिल पाता है जैसे कम क्रेडिट स्कोर होना कई सारे डॉक्यूमेंट्स न होने की वजह से, या फिर आधार या पैन की वजह से आप उन लोगों को लोन दे सकते हैं और अच्छा इंटरेस्ट के साथ अपना पैसा रिटर्न ले सकते हैं इसके अलावा आपको बता दें कि भारतपे, क्रेड और कुछ अन्य प्लेटफार्म भी हैं जो ये सर्विस देते हैं लेकिन इन प्लेटफॉर्म पर अगर आप इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आपको 9% से 13% तक इंटरेस्ट दिया जा रहा है.
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P2P लेंडिंग का बिज़नेस कितना सुरक्षित है?
आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक पियर टू पियर लेडिंग का बिज़नेस काम करता है एनबीएफसी के तौर पर रजिस्टर्ड कंपनी इस सर्विस को देती है इसके अलावा एग्रीग्रेटर लोन लेने वाले व्यक्ति की जानकारी इकट्ठा करने और वाईफाई की जिम्मेदारी भी लेता है उससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए ये नुकसान को कम करने के लिए आपके निवेश को अलग जगहों पर डिस्ट्रिब्यूट कर दिया जाता है इसके लिए आरबीआई ने एक लिमिट भी दी हुई हैं आपको बता दें कि इस कोई भी स्कूल लोन देने वाला व्यक्ति सभी प्लेटफॉर्म को मिलाकर 50 लाख रुपए से ज्यादा का लोन नहीं दे सकता है तो अगर आप किसी को ब्याज के तौर पर पैसे देते हैं तो इससे आपको अच्छा प्रॉफिट रिटर्न में मिलता है.
निष्कर्ष–
तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको P2P लेंडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है हम उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी साथ ही अगर आपके किसी नई योजना के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट में जरूर बताएं और भी ऐसे ही अपडेट पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को फॉलो करें.
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