नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए पुरानी पेंशन योजना से रिलेटेड एक नई खबर लेकर आए हैं आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की मांग चुनाव में भाजपा सरकार के लिए विवाद का कारण भी बन सकती है और अब केन्द्रशासित राज्यों में भी पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है.
राज्य में भी कांग्रेस ने सरकार आने पर पुरानी पेंशन बहाली करने की घोषणा कर दी है और आप राज्य सरकार पर सरकारी संगठन द्वारा दबाव भी बनाया जा रहा है कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन के मुददे को लेकर विवाद भी शुरू होने लगा है और अब देशव्यापी आंदोलन भी पेंशन योजना लागू करने को लेकर शुरू हो गई है.

राज्य के कर्मचारी संयुक्त करेंगे आंदोलन
Old Pension Scheme New Update :- अब केंद्र और राज्य के कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर आंदोलन करना शुरू कर रहे हैं इसके अलावा नेशनल मूवमेंट ऑफ फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम कार्यकारिणी ने भारत सरकार और राज्य सरकार पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दबाव बनाने के लिए आंदोलन की घोषणा भी कर दी गई है और अब इसी मुददे को लेकर दिल्ली में 1 अक्टूबर को विशाल पेंशन शंखनाद रैली भी निकाली जाएगी इसके अलावा दिल्ली में विशाल रैली निकलने से पहले 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के हर जिले में टेंशन संवैधानिक मार्च का आयोजन भी किया जाएगा और इसी को लेकर अब 1 अगस्त से 9 अगस्त तक सांसदों के द्वार पर पुरानी पेंशन स्कीम के लिए घंटी बजाओ का कार्यक्रम भी रखा जाएगा.
एक राष्ट्र एक पेंशन रैली का आयोजन
आपको बता दें कि हमारे प्रदेश के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का इंतजार कर रहे थे लेकिन पुरानी पेंशन योजना को लेकर अभी तक कोई नई जानकारी सामने नहीं आई थी इसीलिए अब लोग पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर देशव्यापी आंदोलन शुरू कर रहे हैं 1 जून से नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम द्वारा पूरे भारत में एनपीएस और निजीकरण के खिलाफ़ एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ रथ भी होगी.
जिसमें प्रदेश के लगभग 2.85 लाख शिक्षक, 48,000 स्थायी कर्मचारी और लगभग 1.5 लाख संविदा कर्मी अंशदायी पेंशन की जगह पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर आंदोलन शुरू कर रहे हैं इसके साथ ही मध्यप्रदेश में भी कर्मचारियों ने 14 अप्रैल यानी की कर्मचारी संगठन के लिए संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम लाल अंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी जिलों में एक राष्ट्र एक पेंशन रैली का आयोजन भी शुरू किया है जिसमे शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक भाग ले रहे हैं.
उससे कहा जा सकता है अंशदायी पेंशन में कर्मचारियों के मूल वेतन से 10% राशि काटकर पेंशन खाते में जमा की जाती है 14% राशि सरकार द्वा स्कूलरा मिलायी जाती है और जब कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे 50% की राशि एक साथ दी जाती और बाकी की 50% राशि से पेंशन बनती है लेकिन ये राशि तीन से ₹4000 तक की होती है इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम योजना की मांग कर रहे हैं.
निष्कर्ष-
तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको पुरानी पेंशन स्कीम से रिलेटेड एक नई जानकारी दी है उम्मीद करते हैं की ये जानकारी आपको पसंद आई होगी साथ ही अगर आप किसी नई योजना या अपडेट के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट में जरूर बताएं और भी ऐसे ही अपडेट पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को ज्वॉइन करें.
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