Magnetic disk kya hai hindi- आप लोगों ने बहुत सी ऐसी डिवाइसेस देखी होंगी जिसमे आप अपना डाटा स्टोर करके रख सकते है. मैग्नेटिक डिस्क में हार्ड डिस्क और फ्लॉपी डिस्क आती है जिनमे डाटा स्टोर किया जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें इसके बारे में नही पता है इसीलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको मैग्नेटिक डिस्क में बारे में पूरी जानकारी देंगे.
मैग्नेटिक डिस्क क्या है? (What is Magnetic Disk In Hindi)
मैग्नेटिक डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस होती है जो डाटा को रीड, राईट, रि-राईट और एक्सेस करने के लिए चुंबकीयकरण प्रक्रिया का उपयोग करता है. मैग्नेटिक डिस्क थिन, सर्कुलर मेटल प्लेट होती है ये आमतौर पर दोनों तरफ एक पतली चुंबकीय फिल्म के साथ लेपित होती है.

मैग्नेटिक डिस्क का यूज डिजिटल इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है. मैग्नेटिक डिस्क बहुत ज्यादा यूज होने वाली सेकंड्री स्टोरेज मेमोरी है जिसमे डाटा को डायरेक्ट एक्सेस किया जाता है. मैग्नेटिक डिस्क एक फ्लैट डिस्क होती है इसके ऊपर मैग्नेटिक कोटिंग होती है ये रैम की तुलना में कम एक्सपेंसिव होती है. आप इसके दोनों साइड में डाटा को स्टोर कर सकते हैं.
मैग्नेटिक डिस्क कितने तरह की होती है?
मैग्नेटिक डिस्क तीन तरह की होती है-
हार्ड डिस्क
हार्डडिस्क हमारे कंप्यूटर सिस्टम का एक ऐसा स्टोरेज डिवाइस होता है जिसका यूज डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. हार्डडिस्क को हार्ड ड्राइव या हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)भी कहा जाता है. हमारे कंप्यूटर सिस्टम में हार्डडिस्क लगा होने के कारण ही हम उसमें बहुत सारी फाइल्स, फोटोज, सोंग्स. वीडियोस, और भी बहुत डाक्यूमेंट्स को रख पाते हैं.
हार्डडिस्क भी दो तरह की होती है इंटरनल और एक्सटर्नल.
इंटरनल
इंटरनल डिस्क हमारे कंप्यूटर सिस्टम में ही लगी होती है. हम कप्यूटर सिस्टम में ज्यादातर इंटरनल हार्डडिस्क का ही यूज करते हैं, क्युकी हम कंप्यूटर सिस्टम के हार्डडिस्क में ही अपने सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल करते हैं. इन्हें आप अपने Computer सिस्टम में आईडीइ (IDE) के कनेक्ट कर सकते हैं.
एक्सटर्नल
एक्सटर्नल हार्डडिस्क को आप USB केबल द्वारा अपने कंप्यूटर सिस्टम में पेन ड्राइव की तरह लगा सकते हैं, इसे आप पेन ड्राइव के जैसे यूज भी कर सकते हैं. इनका साइज़ पेन ड्राइव से थोड़ा बड़ा होता है लेकिन इसकी कैपेसिटी पेन ड्राइव से ज्यादा होती है. इन्हें हमेशा कंप्यूटर में लगे रहने की जरूरत नही होती है.
फ्लॉपी डिस्क
फ्लॉपी डिस्क एक तरह की स्टोरेज डिवाइस होती है. फ्लॉपी डिस्क माल्यार प्लास्टिक की बनी होती है जिसके ऊपर मैग्नेटिक कोटिंग होती है. फ्लॉपी डिस्क का यूज फाइल्स को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है इसकी मैक्सिमम स्टोरेज कैपेसिटी 2.88MB होती है.
इसे एक्सटर्नल और सेकंड्री मेमोरी भी कहा जाता है फ्लॉपी डिस्क को IDM (International Business Machine) द्वारा 1971 में बनाया था. फ्लॉपी डिस्क में जो भी डाटा स्टोर किया जाता है वो एक फ्लेक्सिबल और सर्कुलर डिस्क के अंदर होता है जिसमे मैगनेट मटेरियल की कोटिंग होती है ये डिस्क प्लास्टिक जैकेट में क्लोज होती है ये जैकेट डिस्क को प्रोटेक्शन प्रोवाइड करता है.
तीन तरह की और अलग-अलग साइज़ की फ्लॉपी डिस्क अवेलेबल है-
- ये 8 इंच, 200(mm) इसे 1971 में बनाया गया था और इसकी स्टोरेज कैपेसिटी 1 MB होती है.
- ये 5.25 इंच, 133(mm) होती है इसे 1976 में बनाया गया था इसकी स्टोरेज कैपेसिटी 360KB होती है.
- ये 3.5 इंच, 90(mm) होती है इसे 1984 में बनाया गया था और इसकी स्टोरेज कैपेसिटी 1.44MB होती है.
फ्लॉपी डिस्क के फायदे-
- ये सस्ती कोस्ट पर अवेलेबल होती है.
- ये एक पोर्टेबल डिवाइस है इसीलिए आप इसे एक जगह से दूसरी जगह कैरी कर सकते हैं .
- ये एक प्रकार की रिमूवल डिस्क है.
ज़िप डिस्क
ज़िप ड्राइव एक छोटी, पोर्टेबल डिस्क ड्राइव है जिसका उपयोग अपने कंप्यूटर फाइल्स का बैकअप लेने और डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है इस डिस्क को 1990 में बनाया गया था ज़िप ड्राइव और डिस्क दो आकारों में आते है. 100 मेगाबाइट का आकार और 250 मेगाबाइट ड्राइव और हार्ड डिस्क भी है.
मैग्नेटिक डिस्क के फायदे क्या है?
इसके फायदे निम्नलिखित है-
- इसमें स्टोर किये गये डाटा को किसी भी समय रीड और राईट किया जा सकता है.
- ये अपनी चुम्बकीय प्रोसेस के द्वारा डिजिटल इनफार्मेशन या डाटा को स्टोर करके रख सकती हैं.
- इसे आसानी से यूज किया जा सकता है.
- मैग्नेटिक डिस्क बहुत ज्यादा यूज होने वाली सेकंड्री स्टोरेज मेमोरी है जिसमे डाटा को डायरेक्ट एक्सेस किया जाता है. इसमें स्टोर किये गये डाटा को आप डायरेक्ट एक्सेस कर सकते है.
- मैग्नेटिक डिस्क मैग्नेटिक टेप से ज्यादा सूटेबल होता है क्युकी इसकी रेंज मैग्नेटिक टेप की रेंज से ज्यादा वाइडर होती है और ये डायरेक्ट एक्सेस एप्लीकेशन को सपोर्ट करता है.
- इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के डाटा को स्टोर करने के लिए सूटेबल है.
- इसकी कोस्ट लो और हाई डाटा रिकॉर्डिंग डेंसिटी होती है क्युकी इसमें इसकी cost-per-bit ऑफ़ स्टोरेज लो होती है.
- इसमें छोटे से स्टोरेज स्पेस में ज्यादा डाटा को स्टोर किया जा सकता है.
- आप इसमें बार-बार डाटा को रीड, अपडेट, और मोडिफाइ कर सकते हैं
- ये इकॉनोमिकल मोमेरी होती है.
मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान क्या है?
मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान निम्न है-
- डाटा को शेयर करते समय सिक्योरिटी देने में प्रॉब्लम आती है.
- इसमें कुछ ऐसे मैग्नेटिक डिस्क भी होते है जैसे- विन्चेस्टर डिस्क (Winchester disk) जिन्हें यहाँ से वहां ले जाना आसान नही होता है अर्थात् पोर्टेबल नही होते है.
- मैग्नेटिक डिस्क की cost-per-bit लो होती है लेकिन मैग्नेटिक टेप की cost-per-bit इससे भी लो होती है.
- इसका यूज ज्यादातर सेकंड्री स्टोरेज डिवाइसेस के लिए किया जाता है कि उसमे स्टोर किया जाने वाला डाटा डस्ट-फ्री एनवायरनमेंट में स्टोर हो.
- ये डाटा को सीक्वेंसियल एक्सेस करने के लिए सूटेबल नही है.
इसे भी पढ़े- हार्डडिस्क क्या है? | हार्ड डिस्क कितने तरह की होती है?
आज आपने क्या सीखा?
दोस्तों, हम आशा करते है कि हमारा ये (Magnetic disk kya hai hindi) आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा, इसमें हमने आपको मैग्नेटिक डिस्क के बारे में पूरी जानकारी दी है जैसे- मैग्नेटिक डिस्क क्या है? मैग्नेटिक डिस्क कितने तरह की होती है? मैग्नेटिक डिस्क के फायदे क्या है? मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान क्या है?
हमारी ये (Magnetic disk kya hai hindi) जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताईएगा और जो लोग इसके बारे में जानना चाहते है उनके साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
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