kya chand par ped uga sakte hai
क्या चाँद पर पेड़ उगा सकते हैं?
पृथ्वी पर लोगों की जनसंख्या बढ़ती ही जा रही है बढ़ती जनसंख्या के कारण लैंड एरिया कम होता जा रहा है और इससे खेती करने की क्षमता भी कम हो रही है जिस कारण खाने की कमी हो रही है आज के समय में पृथ्वी पर इंसानों की जनसंख्या लगभग 7.5 अरब के आस-पास है इससे ये पता चल रहा है कि 2050 आते-आते पृथ्वी पर इंसानों की जनसंख्या लगभग 9 से 10 बिलियन हो जाएगी. पृथ्वी पर बढ़ती जनसंख्या के कारण वैज्ञानिको ने चाँद को अपनी कालोनी बनाने के बारे में सोचा था लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने कहा कि चाँद को सिर्फ खेती करने के लिये यूज किया जाये, तो क्या आपको पता है कि चाँद पर पेड़ उगा सकते हैं या नही, इसीलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे कि चाँद पर पेड़ उगा सकते हैं या नही और इससे रिलेटेड पूरी जानकारी देंगे.
चाँद हमारी पृथ्वी से काफी नजदीक है इसलिए यहाँ से फसल को लाने और ले जाने में आसानी होगी, सिर्फ वहां पर फसलों को उगाने में दिक्कत होगी जिसकी टेक्नोलॉजी को वैज्ञानिक अभी भी डेवेलोप करने में लगे हुए हैं एरिजोना में ऐसे कई एक्सपेरिमेंट किये गये है जिसमे ये पता किया गया कि एक डोम में किस तरह से पेड़-पौधों को उगाया जा सकता है.
क्या आप जानते हैं कि ये डोम क्या है?
डोम आधी गेंद के जैसे स्ट्रक्चर वाले होते है जिसके अंदर पेड़-पौधे और इन्सान रह सकते हैं जिससे कोई भी हानिकारक चीज इन्सान या पेड़ो को नुकसान न पहुंचा सके, शुरुआत में जब इन्सान मंगल ग्रह पर रहने के लिए जायेगा तो शुरूआत के 20 साल तक इंसानों को इन्हीं डोम के अंदर रहना पड़ेगा.
चाँद पर पेड़ उगाया जा सकता है? या नही
चाँद की सतह का क्षेत्रफल 37 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर है जो हमारी पृथ्वी पर खेती किये जाने वाले भाग का 75% है पृथ्वी पर खेती की जाने वाली जमीन का 50% भाग खेती करने के लिए यूज करते है इस 50% में 75% का यूज जानवरों को घास चराने के लिए करते हैं पृथ्वी पर खेती करने वाली जमीन धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है लेकिन लोगों को इस बारे में कोई चिंता नही है जबकि जनसंख्या बढ़ने के कारण खाने की जरूरत भी काफी बढ़ रही है इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए अमेरिका ने स्पेस एजेंसी और चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन कुछ ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है
जिसके द्वारा ये पता लगाया जायेगा कि क्या जीरो या कम ग्राविटी पर फसल तैयार की जा सकती है वैसे भी नासा इन कामों में हमेशा आगे रहता है नासा के पास वेजिटेबल प्रोडक्शन सिस्टम है जिससे वैजी कहा जाता है जिसे अन्तरिक्ष में मौजूद एक गार्डन के जैसे भी समझा जा सकता है जहाँ पर पेड़-पौधों को उगाया जा सकता है ये नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद है जिसका काम नासा को रिसर्च करके ये बताना है कि क्या सही में कम ग्राविटी में फसल उगाई जा सकती है.
नासा का ये गार्डन छोटा सा एक अटैची के बराबर है जिसमे सिर्फ 6 पौधे है इसमें हर पौधे के लिए छोटी सी तकिया होती है जिसमे खाद, पानी, मिट्टी और जरूरी चीजें होती है जो पौधों को उगने में काफी मदद करते हैं इससे पौधों की ग्रोथ भी अच्छी होती है. पृथ्वी की तुलना में अन्तरिक्ष में पानी और हवा एकदम अलग तरह से बिहैव करते हैं और इसीलिये इन्हें कंट्रोल करने के लिए इन तकियों का यूज किया जाता है इन पेड़ो को उगने के लिए लाइट की जरूरत भी होती है लाइट की जरूरत को सूर्य से पूरा न कर पाने के कारण इसमें LED (लाइट एमिटिंग डायोड) बल्ब का यूज किया जाता है LED बल्ब से निकलने वाली लाइट को पौधे केमिकल एनर्जी में बदल कर केमिकल रियेक्शन करने के लिए यूज कर लेते है पौधें ज्यादातर हरी लाइट को रिफ्लैक्ट करते हैं और रेड, ब्लू लाइट को ज्यादा यूज करते हैं इसीलिए पौधों वाली ये मशीन म्जेंटा पिंक कलर की दिखाई देती है.
नासा कई सारी चीजो को अन्तरिक्ष के स्पेस स्टेशन में उगा जा चुका है जैसे- आलू, मूली, प्याज, सरसों, मटर, चाइनीज कैबिज, जीनिय के फूल और भी कई सारे पौधे. अन्तरिक्ष में पेड़ उगाने के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है कि वहां पर कोई अनजाना माइक्रो या बैक्टीरिया आ सकता है जिससे बहुत दिक्कत हो सकती है. वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च करके ये बताया गया था कि पृथ्वी पर उगने वाली सब्जियों की तुलना में अन्तरिक्ष में उगने वाली सब्जी से ज्यादा फ्रेश और लॉन्ग लोस्टिंग थी नासा की एक टीम कैनेडी स्पेस सेंटर पर अभी भी इस प्रोजेक्ट पर रिसर्च कर रही है जिससे आने वाले समय में और भी ज्यादा सब्जियों और पौधों को उगाया जा सके जैसे-टमाटर और शिमलामिर्च आदि.
2019 में चाइना के चैंगाफोर नाम के रोबर को चाँद की डार्क साइड पर भेजा गया था रोबर वहां पर कुछ सब्जियों के बीच और कीड़े-मकोड़ों के अंडे लेकर गया था क्युकी चाइना के लोग बिना कीड़े-मकोड़े खाए जीवित नही रह सकते है, नासा के जैसे ही चाइना ने भी लूनर माइक्रो इको सिस्टम नाम की एक मशीन का यूज किया था जो पृथ्वी का छोटा सा मॉडल है हवा, पानी, मिट्टी और जरूरी चीजों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है जिससे पेड़ो को अच्छे से उगाया जा सके.
कुछ दिन बाद वहां पर बीज अंकुरित होने लगे और अण्डों से कीड़े भी बाहर आने लगे जिससे ये इको सिस्टम और भी अच्छे से काम करने लगा इससे वैज्ञानिकों को लगने लगा कि चाँद पर पेड़-पौधों को उगाना आसान है.
अन्तरिक्ष में किसी 1 किलो की चीज भेजने के लिए 60 हजार यूएस डॉलर लगते हैं एक साधारण स्पेस सेटेल 23 हजार किलो के सामान को आसानी से ले जा सकता है, चाँद पर पूरी खेती करने के कारण वहां से सामान को लाने ले जाने में काफी पैसा खर्च करना होगा, इसीलिए इसे आसान बनाना होगा जिससे कम खर्च में अन्तरिक्ष से सामान ले जाया और लायाजा सके. लेकिन इन सभी बातों से ये बात पता चलती है कि चाँद पर फसल को उगाया जा सकता है.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारी ये (kya chand par ped uga sakte hai) जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी और आप सभी के लिए काफी हेल्पफुल भी रही होगी इसमें हमने आपको बताया है कि क्या चाँद पर पेड़ उगाया जा सकता है और इससे रिलेटेड पूरी जानकारी दी है,
हमारी ये (kya chand par ped uga sakte hai)जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर कीजियेगा.