कर्नाटक के शिक्षा मंत्री जल्द करेंगे भगवद गीता को स्कूलों में शामिल

नागेश स्कूलों और कॉलेजों में भगवद गीता को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं और यह दावा करने के बाद भी विवाद खड़ा हो गया था कि कुरान और बाइबिल के विपरीत गीता एक धार्मिक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह ‘जीवन के मूल्य’ सिखाती है.

कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने सोमवार को विधान सौध में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान विधायक एमके प्रणेश के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस शैक्षणिक वर्ष से ही स्कूलों और कॉलेजों में भगवद गीता पेश करेगी उन्होंने यह भी कहा कि भगवद गीता इस वर्ष से नैतिक शिक्षा का हिस्सा होगी और इस पर निर्णय लेने के लिए जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा.

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नागेश स्कूलों और कॉलेजों में भगवद गीता को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं और यह दावा करने के बाद भी विवाद खड़ा हो गया था कि कुरान और बाइबिल के विपरीत गीता एक धार्मिक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह ‘जीवन के मूल्य’ सिखाती है.

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नागेश के बयानों की निंदा करते हुए, कर्नाटक के अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (AIDSO) के सचिव, अजय कामथ ने कहा, “नैतिक शिक्षा के नाम पर, सरकार भगवद गीता सिखाने का प्रस्ताव देकर धार्मिक मामलों को शिक्षा में छिपाने की कोशिश कर रही है प्राचीन शिक्षा प्रणाली ने सदियों से गरीबों, दलितों, उत्पीड़ितों और महिलाओं सहित अधिकांश लोगों को सीखने और शिक्षा प्राप्त करने से दूर रखा है.

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उन्होंने यह भी कहा कि गीता को शामिल करना छात्रों के बीच अवैज्ञानिक, पुराने और अंधे विचारों को पेश करने और राजनीतिक लाभ के लिए उनमें दरार पैदा करने की एक चाल है.

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