E.D kya hai in hindi- E.D का फुल फॉर्म Enforcement Directorate होता है और इसे प्रवर्तन निदेशालय भी कहा जाता है आप मे से कुछ लोग ईडी के बारे में जानते होंगे लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें ईडी के बारे में जानकारी नही होगी इसीलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको E.D से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देंगे.
E.D क्या है? (What is E.D in hindi)
ED का फुल फॉर्म Enforcement Directorate है लेकिन इसे Directorate General of Economic Enforcement भी कहते हैं, इसे हिंदी में प्रवर्तन निदेशालय भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 1 मई 1956 (64 वर्ष) में हुई और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. ये भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय जाँच एजेंसी है, ये भारत की एक खुपिया एजेंसी है जो भारत में सम्बंधित व्यक्ति/इकाई या विदेशों में सम्पत्ति मामला, मनी लांड्रिंग या आय से अधिक सम्पत्ति मामलों की जाँच करता है.
अगर किसी व्यक्ति के पास उसकी आय से ज्यादा सम्पत्ति है तो उसकी जाँच E.D द्वारा ही की जाती है इसके अलावा मनी लांड्रिंग हो या विदेशों से सम्पत्ति का लेनदेन व्यक्ति की आय से अधिक हो तो इस्की जाँच भी ईडी द्वारा ही की जाती है. ये एजेंसी वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत काम करती है और वर्तमान में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है. E.D के ब्रांच मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, कोचीन, अहमदाबाद, बैंगलोर, और हैदराबाद में हैं.
ED के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों को आइएएस और आईपीएस रैंक के आधार पर तय किया जाता है, आर्थिक रूप से कानून लागू करने की शक्ति भी E.D के पास होती है.
E.D के प्रमुख कार्य और अधिकार क्या है?
इसके कुछ प्रमुख कार्य और अधिकार निम्नलिखित है-
- ‘विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA)’– यदि FEMA (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट), 1999 का उलंघन सिद्ध होने की स्थिति में सम्बन्धित व्यक्ति/इकाई के ऊपर संलिप्तन राशि के गुना तक की राशि का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है.
- धनशोषण निवारण अधिनियम 2002 (PMLA- Prevention of Money Laundering Act)- इस नियम के अंतर्गत जाँच की प्रक्रिया अन्य आपराधिक कानूनों की तरह ही की जाती है. जाँच के दौरान यदि यह पाया जाता है कि सम्बन्धित व्यक्ति/इकाई ने जो सम्पत्ति एकत्र की है या बनाई है वह पीएमएलए में अधिसूचित 28 कानूनों की 156 धाराओं में दण्डित अपराधों के फलस्वरूप अर्जित की गयी है तथा उसके बाद उसका शोधन (लांड्रिंग) किया जा चुका है, उस स्थिति में ऐसी सम्पत्ति को अंतरिम रूप में जब्त किया जा सकता है, और अंत में उचित अपराधिक न्यायिक प्रक्रिया (मुकदमा) पूर्ण होने पर ऐसी सम्पत्ति को कुर्क भी किया जाता है.
- विदेशों में किसी भी सम्पत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार ईडी के पास होता है.
- मनी लांड्रिंग के आरोप में पाए गये लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और खोज करने का अधिकार भी ईडी के पास होता है.
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दोस्तों, हम आशा करते है कि हमारा ये (E.D kya hai in hindi) आर्टिकल आपको काफी पसंद आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमें हमने आपको E.D से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है, आपको हमारी ये (E.D kya hai in hindi) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और जो लोग इसके बारे में जानकारी चाहते है उनके साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.