antriksh me goli chalane par kya hoga
आप में से बहुत से लोगों ने पृथ्वी पर बन्दूक चलाई होगी लेकिन क्या आपको पता है कि यही गोली अगर अन्तरिक्ष में चलाई जाये तो क्या होगा, आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे.
अन्तरिक्ष में बन्दूक कैसे चलाई जा सकती है?
किसी गोली को चलाने के लिये उसके मौजूद गन पाउडर या प्रोपलेंट में आग लगानी होती है जिसके कारण एक एक्सप्लोजन की मदद से बुलेट बंदूक से तेजी के साथ बाहर निकलती है आग लगाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है लेकिन अन्तरिक्ष में ऑक्सीजन न होने के कारण आर्टिफीसियल या इंटरनल ऑक्सिडाईजर्स के द्वारा गन पाउडर में लगाईं जाती है और बुलेट को सूट किया जाता है.
अन्तरिक्ष में बन्दूक चलाने से वहां पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
नो बूम साउंड
पृथ्वी पर गोली चलाने से तेज से आवाज होती है लेकिन अन्तरिक्ष में वैक्यूम के कारण गोली चलाने पर आवाज नही होती है क्युकी साउंड वेव को ट्रेवल करने के लिए किसी माध्यम की जरूरत होती है और वैक्यूम में साउंड वेव ट्रेवल नही कर पाती है जिसके कारण आवाज नही होती है.
रेकोइल ऑफ़ गन
जब गोली चलाई जाती है तो तेजी से पीछे की ओर झटका लगता है जिसे रेकोइलिंग ऑफ़ गन कहा जाता है फिजिक्स में न्यूटन के एक्शन-रिएक्शन वाले नियम और कंजर्वेशन ऑफ़ लीनियर मोमेंटम के कारण गोली के बन्दूक से निकलने पर पीछे को झटका लगता है मोमेंटम और मार्श के कारण बैक वर्ड फ़ोर्स कम होती है जिससे ज्यादा दूर का धक्का नही लगता है. यही रूल्स अन्तरिक्ष में भी अप्लाई होते हैं लेकिन वहाँ पर ग्राविटी न होने के कारण हम पीछे की तरफ तैरने लगते है और हमारा डिस्प्लेसमेंट भी ज्यादा हो सकता हैं.
उदाहरण- अगर बुलेट गन से 1000 मीटर पर सेकंड के हिसाब से निकल रही है तो बैकवर्ड फोर्स के कारण पीछे लगने वाले झटके की स्पीड कुछ सेंटीमीटर पर सेकंड होगी.
डिस्टेंस ट्रेवल बाई बुलेट
पृथ्वी पर गोली चलाने से ग्राविटी और एयर फ्रेक्शन के कारण उस पर कुछ एक्सटर्नल फोर्सेज लगते हैं जिसके कारण कुछ समय बाद उसकी स्पीड कम हो जाती है और एक फिक्स्ड डिस्टेंस ट्रेवल करने के बाद वो रुक जाती है लेकिन अन्तरिक्ष में न ग्राविटी है और न ही एयर, जिससे वो एक्सटर्नल फोर्सेज लगाकर उसे रोक सके. यूनिवर्स की एक्स्पेंसन के कारण गोली को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बहुत समय लग जायेगा. मतलब कि गोली चलने के बाद बुलेट तब तक नही रुकेगी जब तब उसके कोई प्लेनेट या एस्टेरोइड नही आ जाता.
बुलेट टारगेट
किसी प्लेनेट की ग्राविटेशनल फील्ड के कारण वहां पर मौजूद ऑब्जेक्ट्स उसके आस-पास एक ऑर्बिट में एक कांस्टेंट स्पीड से ट्रेवल करते हैं अगर वो ऑब्जेक्ट्स उस प्लेनेट की ग्राविटेशनल फील्ड में अन्दर हो तो, और अगर आप किसी प्लेनेट के ऑर्बिट में उपस्थित होकर एक फिक्स्ड पोजीशन से गोली चलाते है तो गोली उस प्लेनेट की ग्राविटेशनल फील्ड के कारण उस ऑर्बिट में ट्रेवल करने लगे और एक रेगुलेशन पूरा करने के बाद आपको पीछे से हिट कर दे. लेकिन ऐसा बहुत कम कंडीशन में होता है लाइक- वन इन ए मिलियन.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (antriksh me goli chalane par kya hoga) आर्टिकल आपको काफी पसंद आया होगा, इसमें हमने आपको अन्तरिक्ष में गोली चलाने से क्या होगा इसके बारे में पूरी जानकारी दी है,
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